ओबीसी महासभा के सदस्य ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दायर की रिट पिटीशन


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ओबीसी महासभा के कोर कमेटी सदस्य एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनके द्वारा सद्गुरु जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाऊंडेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की गई है। ओबीसी महासभा ने याचिका के जरिये ईशा फाउंडेशन सहित सभी धर्म की धार्मिक संस्थाओं में जेंडर कमेटी बनाकर इसे लागू जाने की मांग की है।

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दरसअल, ईशा फाउंडेशन पर आरोप है कि वह एक आध्यात्मिक संगठन है। जिसका नेतृत्व सद्गुरु जग्गी वासुदेव करते है। लेकिन एक रिटायर्ड प्रोफेसर के द्वारा फाउंडेशन पर उनकी दो बेटियों के साथ शोषण का आरोप लगाया है। वहां यौन उत्पीड़न से सुरक्षा की गारंटी देने वाला 2013 में बनाया गया। अधिनियम लागू नहीं होने की बात भी बताई गई है। इसी मुद्दे को लेकर ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की है।

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ओबीसी महासभा के कोर कमेटी सदस्य एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाह का कहना है कि, 2013 में अधिनियम बनाया गया था कि जिन संस्थाओं में 10 से ज्यादा लोगों का आना-जाना होता है। ऐसे धार्मिक संस्थाओं में जेंडर कमेटी बनाई जाएगी। जिसका रिव्यू भी किया जाएगा। लेकिन ईशा फाउंडेशन में इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा। जिसके चलते सेक्सुअल हैरेसमेंट सहित कई शोषण के मामले सामने आ रहे हैं। लिहाजा याचिका के जरिए अधिनियम के तहत नियमों का पालन करने के साथ ही मामले में कार्रवाई की मांग की गई है।

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