अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें: सोयाबीन और मक्के की फसल हुई बर्बाद, अब कलेक्टर से लगाई मुआवजे की गुहार


अखिलेश बिल्लौरे, हरदा। जिले में भारी बारिश होने के कारण किसानों की फसल नष्ट हो गई है. आदिवासी अंचल के किसानों की फसल तो लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. जिसको लेकर दिदमदा ग्राम के आदिवासी किसान लगभग 50 किलोमीटर का रास्ता तय कर जिला कलेक्टर के पास अपनी मांग मनमाने के लिए पहुंचे

आदिवासी अंचल के किसानों का कहना है कि पिछले साल भी सोयाबीन और मक्का की फसल बर्बाद हुई थी. जिसको लेकर सर्वे कराया गया था. लेकिन उसका मुआवजा आज तक नहीं मिला. आज फिर हमारी सोयाबीन और मक्का की फसल पूरी बर्बाद हो चुकी है. जिसको लेकर हम सभी किसान कलेक्टर से यह मांग करते हैं कि हमें फसल बर्बाद का मुआवजा दिया जाए. हम सभी किसानों के पास छोटी-मोटी जमीन के टुकड़े हैं. उसी से हमारा गुजरा चलता है. जिसमें बच्चों की पढ़ाई और अन्य चीज भी शामिल हैं. मूलत हमारा जीवन खेती-बाड़ी पर निर्भर है और वह भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.

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मोहन सरकार ने भी सभी कलेक्टरों को यह निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां फसल बर्बाद हुई हो. वहां पर फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा राशि दिलाने की कार्रवाई की जाए. इस पर कलेक्टर आदित्य सिंह ने भी बारिश के चलते किसानो की फसल बर्बाद को लेकर राजस्व हमले को अलर्ट कर सर्वे करने की बात की है. साथ ही जल्द ही सर्वे के आधार पर मुआवजा राशि दिलाई जाने की बात की है.

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