भतीजे की पुलिस से बदतमीजीः दिग्विजय बोले- बहुत छोटी घटना थी, जो होगा देखा जाएगा, आज का शस्त्र कलम, जो अहिंसा करे वो रावण


चंकी बाजपेयी, इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भतीजे आदित्य विक्रम सिंह मामले में बयान सामने आया है। कहा कि- बहुत छोटी घटना थी, वह जा रहा था, प्रशासन ने सड़क पर नुक्कड नाटक अयोजित किया था, जिसकी उसे जानकारी नहीं थी। मामले में एफआईआर दर्ज होने पर कहा – पुलिस अपना काम कर रही है, जो होगा देखा जाएगा। दिग्विजय सिंह ने विजयदशमी की शुभकामनाएं दी, कहा- जिस तरह प्रभु राम ने रावण का वध किया उसी तरह देश में सद्भाव अन्याय और अहिंसा के लिए काम करने वालों को भगवान राम का आशीर्वाद मिले।

प्रमोशन पाने के लिए डी रेल

थाने में शस्त्र पूजन पर आपत्ति नहीं है, लेकिन वहां किसी एक धर्म का आयोजन होगा तो आपत्ति है। नरेला विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप है, उसकी एफआईआर करवाने थाने जाने पर भाजपा द्वारा सुंदर काण्ड करवा दिया जाता है। थानों में धार्मिक अनुष्ठान हो कोई आपत्ति नहीं है न्याय सभी को मिलना चाहिए हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई। राहुल गांधी लीडर है, वोट बैंक उनके साथ है, सांसद भी है। रेल मंत्री ने कवच एप जारी की थी उसका क्या हुआ। गुजरात में रेलवे कर्मचारियों ने ही प्रमोशन पाने के लिए डी रेल करने का प्रयास किया।

हिंदू सम्राट मोदी के राज में हिंदू संकट में कैसे

देश का संविधान सभी का है, पूरे देशवासियों को एक रहने का क्यों नहीं कहते आरएसएस या मोहन भागवत। सनातन की बात करते है तो पूरा विश्व हमारा है, हमारा एक ही नारा है हम पहले भारतीय है। भारतीय संविधान और सनातन एक ही है। जब मुगलों का राज था जब अंग्रेजी का राज था तब हिंदू खत्म नहीं हुआ तो अब हिंदू सम्राट मोदी के राज में हिंदू संकट में कैसे हो सकता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सभी को आमंत्रित करना चाहिए। हम ईद मिलन और होली मिलन में जाते है। गरबा गुजरात से आई संस्कृति है इसमें सभी जाए एकजुटता नजर आए। भोपाल ड्रग्स कांड हमारे लिए देश के युवाओं के लिए खतरे को घंटी है।

देश के युवाओं को तीन चीजे बिगाड़ रही

देश के युवाओं को तीन चीजे बिगाड़ रही है। ड्रग्स, नासिक से कैप्सूल चलता है, ऑनलाइन गेमिंग से युवा बहुत अधिक लुटा रहे है, हर कोई एक दिन में करोड़ पति बनाना चाहता है, इसे बंद करना चाहिए। तीसरा शराब है इसे भी बंद होना चाहिए। सरकार की नाक के नीचे ड्रग्स बांट रहा है आप कुछ नहीं कर पा रहे। एनसीबी गुजरात की पुलिस 15 दिन से वहां रहे थे। भोपाल पुलिस कमिश्नर को कोई जानकारी नहीं है। यह हमारे लिए बड़ा कलंक है, हमारी राजधानी में सरकार के नीचे ड्रग्स फैक्ट्री चल रही थी। इसमें गुजरात पुलिस को एमपी पुलिस पर भरोसा नहीं था, उन्हे एमपी पुलिस पर मिलीभगत का शक था।

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