मध्य प्रदेश मौसम – मानसून के सौतेले भाई आ गए, 13 जिलों में आफत की बारिश होगी
आधे मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो गई थी। तभी अचानक अरब सागर में प्रसव पीड़ा शुरू हुई और मानसून के जुड़वा सौतेले भाई (2 चक्रवात) पैदा हो गए। अरब सागर की यह अनचाही संताने (यह बादल) महाराष्ट्र और गुजरात को पार करते हुए मध्य प्रदेश के आसमान तक आ गए हैं। एक अनुमान लगाया जा रहा है कि कम से कम 13 जिलों में आफत की बारिश होगी।
धार, बैतूल, नरसिंहपुर, पचमढ़ी, इंदौर, सतना का मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश के अधिकांश भाग से मानसून की वापसी हो गई है। इस वापसी के बीच बुधवार को कुछ जिलों में बारिश देखी गई। हालांकि, इसे मानसूनी बारिश नहीं कहा जाएगा क्योंकि 1 जून से 30 सितंबर के मध्य होने वाली बरसात ही मानसून बारिश कही जाती है। जो फसलों के लिए लाभदायक होती है। यह किसानों के लिए हानिकारक है। बुधवार की बात करें तो अरब सागर में दो मौसम प्रणालियों बन रही थी, जिसका प्रभाव मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में देखने को मिला। प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में हल्की से मध्यम बारिश का दौर सुबह 8 बजे से शाम 5:30 बजे तक देखा गया। धार, बैतूल, नरसिंहपुर, पचमढ़ी, इंदौर, सतना में बारिश देखने को मिली।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञानों का कहना है कि जिस प्रकार से बादल आसमान में इकट्ठा हो रहे हैं उसके हिसाब से जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, नर्मदापुरम, हरदा एवं बैतूल जिलों में बारिश होने की संभावना है। राजस्थान के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि हुई है लेकिन मध्य प्रदेश में हल्की एवं मध्यम बारिश होने की संभावना है।
जबलपुर मौसम का पूर्वानुमान
आसपास के इलाकों में बन रहे मौसम के कारण मध्य प्रदेश में विपरीत हवाएं प्रवेश कर रही है। इन हवाओं के कारण जबलपुर में बादल छाए हुए हैं और दक्षिणी मध्य प्रदेश में वर्षा का दौर देखा जा रहा है। दो से तीन दिन तक यह स्थिति बनी रह सकती है। यही कारण है कि कुछ जगहों पर मध्यम स्तर तक की वर्षा होने के आसार जताए गए हैं।
एमपी में बारिश की वापसी
वैसे तो मानसून विदाई ले चुका है लेकिन मिनीकाय और उससे लगे अरब सागर पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। कोंकण से लेकर अरब सागर में जो कम दबाव बना हुआ है उसके कारण एक द्रोणिका बनती दिखाई दे रही है। वहीं एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में अफगानिस्तान के पास दिखाई दे रहा है। राजस्थान पर प्रति चक्रवात का असर है। इन सभी का असर मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है।
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