आस्था या अंधविश्वास? देवी को प्रसन्न करने के लिए पुजारी ने काटी जीभ, फिर खुद ही…


धर्मेंद्र ओझा, भिंड। शरदीय नवरात्रि पर आस्था के अनेक रूप देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के भिंड जिले से सामने आया है. जहां एक पुजारी ने अपनी जीभ काटकर देवी को अर्पण कर दिया. हैरानी वाली बात यह है कि जीभ काटने के बाद उसने खुद ही इलाज कर लिया.

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बता दें कि यह मामला लहार में रतनगढ़ माता मंदिर का है. जहां मंगलवार को बुजुर्ग पुजारी ने देवी को प्रसन्न करने के लिए जीभ काटकर चढ़ा दिया. जिसकी जानकारी मिलते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई. अब सवाल खड़ा होता है कि इसे आस्था कहा जाए या अंधविश्वास? यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जबलपुर में एक महिला भक्त ने अपनी जीभ काटकर ही देवी को अर्पण कर दी थी और इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से भी मना कर दी थी.

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