राजनीतिक कार्यक्रम में धार्मिक आयोजन और अपमान! कैंडल मार्च से पहले जीतू पटवारी ने किया कन्या पूजन, विधायक आरिफ मसूद ने चुनरी कार्यक्रम से बनाई दूरी, BJP बोली- भगवान इन्हें माफ नहीं करेगा
शिखिल ब्यौहार, भोपाल। राजधानी भोपाल में बेटी बचाओ अभियान के तहत कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकाला। विपक्ष ने महिला सुरक्षा और अपराधों को लेकर प्रदर्शन किया। इस राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान धार्मिक आयोजन भी देखने को मिला। कैंडल मार्च से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कन्या पूजन किया। लेकिन विधायक आरिफ मसूद इसमें तो शामिल रहे लेकिन उन्होंने चुनरी कार्यक्रम से दूरी बनाई रखी।
दरअसल, कांग्रेस विधायक और अल्पसंख्यक वर्ग के नेता आरिफ मसूद के सरकारी आवास पर कार्यक्रम हुआ था। कार्यक्रम में मौजूद मसूद ने कन्या पूजन तो मनाई लेकिन चुनरी कार्यक्रम से दूर रहे। कैंडल मार्च में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी शामिल हुए। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकाला गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। 6 नंबर स्टॉप अंकुर मैदान के सामने से यह मार्च निकाला गया।
विधायक पर भड़की BJP- बताया बेटी का अपमान
कन्या पूजन विवाद मामले पर बेजीपी ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर निशाना साधा। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जीतू पटवारी की मौजूदगी में यह कृत्य जानबूझकर किया। यह सनातन धर्म का अपमान है..यह बेटी का अपमान..यही कांग्रेस का असली चेहरा है। कांग्रेस पूर्ण रूप से सनातन विरोधी है। सनातन को नीचा दिखाने के साथ कुठाराघात करने कांग्रेस ने धर्म के नाम पर आयोजन किया। उन्होंने जीतू पटवारी से विधायक पर कार्रवाई की मांग की। और कहा कि उनके पहले भी ऐसे कारनामे रहे हैं। मूल रूप से सनातन विरोधी और सनातनियों का लगातार अपमान करते रहते हैं। केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए ऐसे आयोजन करते हैं। नवरात्र के पावन पर्व पर ऐसे आयोजन में हमारी बेटियों का अपमान किया। ईश्वर भी आरिफ मसूद और जीतू पटवारी को माफ नहीं करेगा।
VHP ने जताई आपत्ति
मामले पर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई है। प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख जितेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि जो राह आपकी नहीं, उस पर चलना क्यों? यह सनातन का अपमान है। नवरात्रि में ऐसा अपमान हिंदू समाज नहीं सहेगा। पहले भी करवा चौथ पर हुए आयोजन में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद विवादों में रहे हैं। हिंदू समाज भी ध्यान रखें, ऐसे आयोजन को लेकर जागरूक हों, जो हमारे धर्म संस्कृति के नहीं, उनके आयोजनों में भाग न लें। माता-पिता भी इस बात का ख्याल रखें। सनातन के सम्मान की जिम्मेदारी सनातनियों के ही कंधों पर है।
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