BNSS 46-2 – पुलिस किस कानून के तहत एनकाउंटर करती है, जानिए


एनकाउंटर शब्द तो सभी ने सुना होगा लेकिन कानून किसी पुलिस अधिकारी को एनकाउंटर करने का कानूनी अधिकार नहीं देता है लेकिन पुलिस वाले फिर भी आरोपियों का एनकाउंटर कर देते है ऐसा वह किस कानून का सहारा लेकर करते है, जानिए:-

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 46 की उपधारा 02 की परिभाषा

यदि ऐसा व्यक्ति अपने गिरफ्तार किए जाने के प्रयास का बलात् प्रतिरोध करता है या गिरफ्तारी से बचने का प्रयत्न करता है तो ऐसा पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति गिरफ्तारी करने के लिए आवश्यक सब साधनों को उपयोग में ला सकता है। सरल एवं साधारण शब्दों मे:- 

गिरफ्तारी के दौरान प्रतिरोध की स्थिति में आवश्यक साधनों का उपयोग:

यदि कोई व्यक्ति गिरफ्तार किए जाने के प्रयास का बलात् प्रतिरोध करता है या गिरफ्तारी से बचने का प्रयत्न करता है, तो पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति गिरफ्तारी करने के लिए आवश्यक साधनों का उपयोग कर सकता है जैसे कि:- 

1. शारीरिक बल

2. लाठी

3. आंसू गैस

4. वाहन

5. सुरक्षा उपकरण( बंदूक, कारतूस आदि)

उदाहरण के लिए :

1. एक व्यक्ति ने पुलिस के गिरफ्तारी के प्रयास का विरोध किया और भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए शारीरिक बल का उपयोग किया।

2. एक व्यक्ति ने पुलिस के सामने हिंसा की। पुलिस ने उसे नियंत्रित करने के लिए लाठी और आंसू गैस एवं आवश्यकता अनुसार फायरिंग का उपयोग किया जा सकता है I 

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 46-2 

गिरफ्तारी के दौरान खतरे की स्थिति में गोली चलाने की अनुमति कब दी जा सकती है:- 

यदि कोई व्यक्ति गिरफ्तार किए जाने के प्रयास का बलात् प्रतिरोध करता है और 

1. उसके पास हथियार है।

2. वह पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति को खतरा पहुंचाता है।

3. वह भागने की कोशिश करता है और गिरफ्तारी असंभव हो जाती है

तो पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति गिरफ्तारी के लिए आवश्यक साधनों का उपयोग कर सकता है, जिसमें गोली चलाना भी शामिल हो सकता है।

लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है:- 

1. गोली चलाने से पहले पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति को चेतावनी देनी होगी।

2. गोली चलाने का उद्देश्य व्यक्ति को घायल करना नहीं, बल्कि गिरफ्तारी को सुनिश्चित करना है।

3. गोली चलाने की अनुमति केवल विशेष परिस्थितियों में ही दी जाती है।

लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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