आयुक्त लोक शिक्षण को हाई स्कूल पदस्थापना सेटअप में परिवर्तन का अधिकार किसने दिया, HC नोटिस जारी


लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त को मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हाई स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना के सेटअप में परिवर्तन का अधिकार, किसने दिया और आयुक्त ने किस अधिकार से हाई स्कूल में शिक्षकों की पद स्थापना के सेटअप में परिवर्तन किया। ऐसे सभी सवालों के जवाब अब हाई कोर्ट में देने होंगे। हाई कोर्ट की ओर से नोटिस जारी हो गया है। 

हाई स्कूल में पदस्थापना का सेटअप परिवर्तन

आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश दिनांक 03/07/19 के अनुसार, हाई स्कूल में पदस्थापना का सेट अप, राज्य शासन के आदेशों के विपरीत, परिवर्तित कर दिया गया था। उक्त आदेश के अनुसार,  हाई स्कूल में, अब उच्च माध्यमिक शिक्षक की पदस्थापना नही हो सकेगी। केवल माध्यमिक शिक्षक ही हाई स्कूल में पदस्थ रहेंगे। 

हाई स्कूल में पदस्थापना का सेटअप परिवर्तन का असर

श्रीमति शैलजा सिंह, उच्च माध्यमिक शिक्षक; रामजी पटेल, उच्च माध्यमिक शिक्षक;  श्रीमती रंजना मिश्रा, उच्च माध्यमिक शिक्षक; सभी शासकीय हाई स्कूल समान, रीवा में पदस्थ हैं। इसके अलावा  इंद्र जीत गोदेवार, पराग मिश्र, श्रीमती किरण कराड़े, वाणी शुक्ला, नीलम सक्सेना, पायल भार्गव, छिन्दवाड़ा जिले में हाई स्कूल हायर सेकेण्डरी स्कूल में पदस्थ हैं। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश द्वारा किए गए सेटअप परिवर्तन के कारण अतिशेष घोषित कर दिए गए। इसके कारण सभी का ट्रांसफर कर दिया गया।

हाई कोर्ट के वकील अमित चतुर्वेदी की दलील

अतिशेष घोषित किए जाने एवं ट्रांसफर किए जाने से पीड़ित होकर, उच्च माध्यमि शिक्षकों द्वारा, जबलपुर उच्च न्यायालय की शरण ली गई थी। शिक्षकों की ओर से पैरोकार हाई कोर्ट के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल पीठ को बताया कि, हाई स्कूल के सेटअप में, ग्रेड-एक के शिक्षक की पदस्थापना राज्य शासन अर्थात स्कूल शिक्षा मंत्रालय के आदेश से हुई थी। परंतु, आयुक्त ने अपने अधिकारों से बाहर जाकर, हाई स्कूल सेट अप में परिवर्तन किया है। जिसके कारण याचिकाकर्ता अतिशेष होकर, ट्रांसफर कर दिए गए हैं। 

ट्रांसफर आर्डर स्थगित

विस्तृत सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने आदेश जारी करते हुए, आदेश दिनांक 04/10/24, के अनुसार उच्च माध्यमिक शिक्षकों याचिकाकर्ता के प्रकरण में, कार्यवाही करेंगे। साथ ही अंतरिम आदेश स्टे जारी करते हुए, कहा है की, निराकरण की अवधि में, याचिका कर्ता शिक्षकों के विरुद्ध कोई विपरीत आदेश जारी नही होगा एवम वे ट्रांसफर के पूर्व की संस्था में पदस्थ रहेंगे। अर्थात ट्रांसफर आदेश स्टे रहेगा। 

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