लोक शिक्षण संचालनालय के फर्जी आदेश, पालन भी हुआ, मामला हाईकोर्ट में
बड़ा खुलासा हुआ है। मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल से फर्जी आदेश जारी हुए और इन आदेशों का पालन भी हुआ है। मामला निवाड़ी जिले के एक प्राइवेट स्कूल का है जिसे जिला पंचायत निकाय के अधीन किया गया था। लगभग 45 कर्मचारी की नियुक्ति और लगभग 25 करोड रुपए वेतन भुगतान का विवाद है। मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। इसी प्रक्रिया के दौरान स्पष्ट हुआ है कि, सन 2019 से लेकर 2023 तक जिन आदेशों का पालन किया गया, वह फर्जी है।
राजेन्द्र प्रसाद पाठक विरुद्ध मध्य प्रदेश शासन एवं अन्य
लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश, भोपाल के संचालक श्री डीएस कुशवाह ने निवाड़ी के जिला शिक्षा अधिकारी श्री उन्मेश श्रीवास्तव को पत्र क्रमांक/अनुदान/ज/193/2024/523 भोपाल, दिनांक 27.9.24, विषयः डब्ल्यू.पी.4587/2021 श्री राजेन्द्र पाठक व अन्य विरूद्ध म.प्र. शासन में पारित निर्णय दिनांक 13.02.2024 एवं समरूप प्रकरणों में जवाबदावा प्रस्तुत करने बावत्। संदर्भ – आपका पत्र क्रमांक स्थापना न्याया.प्रक./2023/2861 दिनांक 07.12.2023; में लिखा है कि, कृपया विषयांकित प्रकरण में संदर्भित पत्र का अवलोकन करें, जिसमें WP-4582/2021 श्री राजेन्द्र प्रसाद पाठक विरुद्ध मध्य प्रदेश शासन एवं अन्य समरूप प्रकरण डब्ल्यूपी 16296/2021 श्री अनित पाठक, डब्ल्यूपी 16341/2021 प्रदीप नायक, डब्ल्यू पी 20592/2021 चन्द्रगान अहिरवार एवं डब्ल्यूपी 16345/2021 श्री महेश प्रसाद मिश्रा के संबंध शासकीय अधिवक्ता के पत्र दिनांक 20.09.2023 में दर्ज आपत्तियों का निराकरण कराने का अनुरोध किया है।
शासन के तीन पत्र वेरीफाई नहीं हुए
इस संबंध में लेख है, कि प्रकरण में उल्लेखित शासन पत्र दिनाक 28.01.2019, 09.09.2020, शासन की पंजी मूवमेंट में दर्ज नहीं होने तथा एक पत्र दिनांक 28.06.2023 की पंजी दूसरे विषय से संबंधित दर्ज दोने के कारण शासन स्तर से उक्त पत्रों के जारी होने की पुष्टि नहीं की गई। तदनुसार करवाई सुरक्षित करें।
उन्मेश श्रीवास्तव जिला शिक्षा अधिकारी निवाड़ी का बयान
उन्मेश श्रीवास्तव जिला शिक्षा अधिकारी निवाड़ी ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को बताया कि, निवाड़ी जिला गठन से पूर्व एक प्राइवेट स्कूल को जिला पंचायत के अधीन किया गया था। उसी से संबंधित विवाद मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। हाई कोर्ट में कार्यालय महाधिवक्ता के शासकीय अधिवक्ता श्री प्रदीप सिंह द्वारा कुछ दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई थी। हम जानकारी भेज रहे हैं कि, उपरोक्त दस्तावेज शासन स्तर पर जारी नहीं किए गए हैं। शेष कार्यवाही हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार होगी।