मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती शैक्षिक योग्यता मामले में हाईकोर्ट का ESB BHOPAL को नोटिस


मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों की योग्यता के मामले में जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा कर्मचारी चयन मंडल भोपाल, NCTE एवं भारत सरकार को नोटिस जारी किया गया है। 

शिक्षक भर्ती नियम 2018 के नियम 8, अनुसूची 3-1 तथा 3-3 की संवैधानिकता को चुनौती

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने सयुंक्त रूप से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से याचिकाए दाखिल करके, मध्य प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 30/7/2018 को राजपत्र में प्रकशित, शिक्षक भर्ती नियम 2018 के नियम 8, अनुसूची 3 (1) तथा (3) की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। उक्त अनुसूची में उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु शैकक्षिण योग्यता संबंधित विषय में द्वितीय श्रेणी में स्नाकोत्तर एवं प्राथमिक शिक्षक हेतु हायर सेकेण्डरी तथा प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्षीय (डी.एल.एड.) डिप्लोमा अथवा 50% अंको के साथ स्नातक तथा दो वर्षीय शिक्षा स्नातक (बी.एड.)  निर्धारित की गई है। 

किसी में 45% वाला सेकंड और किसी में 49% वाला थर्ड डिवीजन होता है

याचिका में कहा गया है, उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु NCET द्वारा स्नाकोत्तर में न्यूनतम 55% अंक निर्धारित है, जबकि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी नियम में द्वितीय श्रेणी उल्लेखित है। प्रदेश की कई विश्वविद्यालयों में 45% को द्वितीय श्रेणी का दर्जा देती है तथा कई विश्वविध्यालय 45% से 50% तक तृतीय (थर्ड) डिवीजन मानती है, जिसके कारण अनेक अभ्यर्थी जिनकी परसेंटेज़ 48-49% होने के बावजूद नियुक्ति नहीं दीं जाती है। वहीं दूसरी ओर जिनकी अंकसूची में द्वितीय श्रेणी लिखा होता है भले ही उनके परसेंटेज 45% है, उनको नियुक्ति दे दीं जाती है। ऐसे सैकड़ो अभ्यर्थी है जिनकी परसेंटेज 45 से 48% है लेकिन उनकी अंक सूची में थर्ड डिवीजन लिखा है इसलिए उनको नियुक्तियां नहीं दी जा रही है, अर्थात उक्त नियम 8 की अनुसूची 3(1) NCTE द्वारा जारी गाइडलाइन के विरूध होने से शून्यकरणीय है। 

प्राथमिक शिक्षक हेतु निर्धारित पात्रता हायर सेकेण्डरी तथा प्रारंभिक शिक्षा (डी.एल.एड.) में दो वर्षीय डिप्लोमा को ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा मान्य किया गया है, जबकि मध्य प्रदेश भर्ती नियमो में बी.एड. डिग्रीधारियों को भी पात्र माना गया है। दायर की गईं  याचिकाओं में उक्त नियम को संविधान के अनुच्छेद 21-अ तथा राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के विपरीत बताया गया। उक्त याचिकाओं में कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति श्री संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ ने याचिका क्रमांक 10624/24 तथा 11043/24 को विचारार्थ स्वीकार करके अनावेदक भारत सरकार, NCTE एवं व्यापम को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जबाब तलब किया गया है। 

उल्लेख करना प्रासंगिक है कि उम्मीदवारों ने यह मामला सबसे पहले भोपाल समाचार डॉट कॉम मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए निर्धारित नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। तत समय यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में भी लाया गया। 

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