अतिथि शिक्षक अनुभव के 20 अंक का लाभ सही तरीके से दिया जाए


आदरणीय आयुक्त महोदय जी, लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश, भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कई वर्षों से अतिथिशिक्षक अल्‍पमानदेय व अनिश्‍चित भविष्‍य मे प्रदेश की शिक्षा व्‍यवस्‍था को संभाल रहा है जिसने ग्रामीण शिक्षक विहीन स्‍कूलों की शिक्षा मे सुधार किया व पिछले 15-16 वर्षों से बोर्ड परीक्षा के उत्‍कृष्‍ट परीक्षा परिणाम सबके सामने है। जहां पहले कक्षा 10 के बाद बहुत कम लोग ही आगे बढ़ पाते थे क्‍योंकि वे कक्षा 10 मे ही बार बार असफल होते थे वहीं अतिथि शिक्षकों के शिक्षा व्‍यवस्‍था संभालते ही स्‍कूल शिक्षा मे सुधार हो गया है। 

इससे पुराने व नये अतिथि शिक्षक समान हो गये है

अब अतिथि शिक्षकों के स्‍कोर कार्ड मे 2018-19 शैक्षणिक सत्र मे प्राप्‍त 25 अंको को विलोपित कर दिया गया है व 20 अंक दिये जा रहे है। प्रति वर्ष 4 अंक व अधिकतम 5 वर्षों के 20 अंक इससे पुराने व नये अतिथि शिक्षक समान हो गये है परंतु इसमे एक और बड़ी विसंगति सामने आ रही है जैसे मैं SSS-2 अंग्रेजी विषय पढ़ाता हूं तो मुझे ये सिर्फ इसी पैनल मे मिल रहे है। यदि मै किसी कारण प्रमोशन या ट्रांसफर से बाहर हो जाता हूं तो यदि SSS-3 मे आवेदन करता हूं तो स्‍कोर कार्ड मे ये 20 अंक सिर्फ SSS-2 मे ही जुड़े है। इससे मै SSS-3 मे 20 अंक न जुड़ने से ज्‍वाइनिंग से वंचित रह सकता हूं। 

पुराने अतिथि शिक्षकों को दोबारा लग पाना मुश्‍किल होगा

यदि कोई विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान का अतिथि शिक्षक SSS-2 मे पढ़ा रहा है और यदि किसी कारण से बाहर हो जाता है और SSS-3 मे आवेदन करता है तो वो भी 20 अंक न जुड़ने से अनुभव के लाभ से वंचित रहेगा। इसलिये स्‍कूल शिक्षा विभाग को तत्‍काल स्‍कोर कार्ड मे सुधार करते हुये वर्ग 1,2,3 सभी पैनलों मे स्‍कोर कार्ड मे 20 अंक जोड़ना चाहिये। जिस प्रकार से पहले 25 अंक स्‍कोर कार्ड मे दिये गये थे। अन्‍यथा इससे बड़ी विसंगति सामने आयेंगी व पुराने अतिथि शिक्षकों को दोबारा लग पाना मुश्‍किल होगा, क्‍योंकि विगत कुछ वर्षों से अच्‍छे प्रतिशत बनना शुरू हो गये है, क्‍योंकि पहले की अपेक्षा अब परीक्षा व्‍यवस्‍था व अंक देने मे पूरी संवेदनशीलता होती है, जो पहले न थी। 

पहले अच्‍छे से अच्‍छा पेपर देने के बाद भी प्रतिशत कम बनते थे इससे नये लोग जिनके पास अभी और भी अवसर है वे सफल हो जायेंगे व पुराने अनुभवी अतिथि शिक्षक जो अब अधेड़ हो चुके है और शिक्षा विभाग के अलावा उनके पास अन्‍य विकल्‍प भी नहीं है न ही शासन शिक्षक बनने के सिवा कहीं अन्‍य विभाग मे उम्र संबंधी छूट दे रहा है वे पिछड़ जायेंगे। सादर धन्‍यवाद, आशीष कुमार बिलथरिया, उदयपुरा जिला रायसेन म.प्र 

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