पिता की चिता शांत होने से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री काम पर लौटे


भारत की सनातन परंपरा में अस्थि संचय तक मृत व्यक्ति के पूरे कुटुंब में शोक होता है। परिवार में चूल्हा नहीं जलता, लेकिन राजधर्म कहता है कि, शासन के प्रबंधन से एक दिन का भी अवकाश नहीं लिया जा सकता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, राज धर्म का पालन कर रहे हैं। पिता की चिता शांत होने से पहले डॉ मोहन यादव काम पर लौट आए हैं। उन्होंने ग्वालियर, धार और झाबुआ जिलों में हुई विभिन्न घटनाओं के संबंध में तीनों जिलों के कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा कर जानकारी प्राप्त की और आम नागरिकों की राहत के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

शोकमग्न मुख्यमंत्री का राजधर्म 

श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन की प्रत्येक स्थिति के लिए मार्गदर्शन है। युद्धकाल नहीं परंतु उद्योग पर्व (महाभारत) में धर्मराज युधिष्ठिर की जिज्ञासा को शांत करने हेतु वासुदेव (भगवान श्री कृष्ण) ने बताया कि:- 

“न शोकं राजा कुर्वीत न क्रोधं न व्यथां नरः।

प्रजाः पालयितव्याः स्यात् सर्वदा धर्ममास्थितः॥” 

राजा को कभी भी शोक, क्रोध और दुख की स्थिति में नहीं रहना चाहिए। किसी भी राजा का शौक में डूब जाना, पूरे राज्य के लिए संकट का कारण हो सकता है। राजा को अपने दुखों पर नियंत्रण करते हुए प्रजा के हित में निरंतर काम करना चाहिए। राजा का धर्म है प्रजा का पालन और प्रजा की रक्षा। 

हालांकि इससे पूर्व भी पुराणों में इसी प्रकार के वर्णन है परंतु “श्रीमद्भगवद्गीता” का मार्गदर्शन ही इस युग में श्रेष्ठ और स्वीकार्य है। ✒ उपदेश अवस्थी। 

श्री कृष्ण के उपदेशों का पालन करते डॉ मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर झाबुआ को निर्देश दिए कि दो बच्चियों के बह जाने से उनके परिवार को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो यह भी ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर कलेक्टर से चर्चा कर ट्रॉमा सेंटर की घटना की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इस संबंध में सतर्कता रखी जाए और समस्त स्टॉफ सजग रह कर अपना दायित्व निर्वहन करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार जिले में डही विकासखंड के ग्राम बड़वानिया में जनजातीय बालक आश्रम परिसर में वर्षा जल भर जाने से विद्यार्थियों को हुए कष्ट के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने बताया कि समय रहते हैं, बच्चों को बचाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसी घटनाओं का दोहराव न हो, इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां रखी जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की धार जिले की इस घटना में जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों द्वारा सेवा प्रदान की गई और बच्चों की जीवन रक्षा के लिए सक्रियता एवं सजगता का परिचय दिया गया उन्हें राज्य सरकार पुरस्कृत और सम्मानित करेगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पिता का 3 सितंबर मंगलवार को अवसान हुआ है। आज बुधवार 4 सितंबर को पिता के अंतिम संस्कार के बाद उज्जैन स्थित निवास से उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में घटित घटनाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर नागरिकों के हित में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव पिता के अवसान के पश्चात शोक व्यक्त करने आए नागरिकों विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट कर राजधर्म का पालन करते हुए प्रदेश की स्थिति पर नजर भी रखे हुए हैं। वे निरंतर प्रशासनिक अधिकारियों से दूरभाष पर चर्चा भी कर रहे हैं। 

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