मध्य प्रदेश में भी कर्मचारियों की संपत्ति पूछना चाहिए, सरकार को UP से सीखना चाहिए


सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल अचल संपत्ति की घोषणा करनी होगी। अन्यथा उन्हें वेतन भत्ते एवं प्रमोशन नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस घोषणा का मध्य प्रदेश में स्वागत किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मांग की है कि वह भी, मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए यह अनिवार्य करें। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने क्या आदेश दिया

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार चल अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को अगस्त माह का वेतन नहीं देगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी विभागों को इस संबंध में आदेश भेज दिया है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि चल अचल संपत्ति का विवरण पोर्टल पर दर्ज करने वाले कार्मिकों को ही अगस्त माह का वेतन दिया जाए। इसके लिए लास्ट डेट 31 दिसंबर घोषित की गई थी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कर्मचारियों को पोर्टल पर विवरण दर्ज करने के लिए 31 अगस्त तक का अंतिम मौका प्रदान किया है। 

भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए जरूरी

लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार पर एक साथ बहुत सारे अंकुश लगाने की जरूरत है। हर साल संपत्ति की जानकारी मांग लेना, इस प्रक्रिया का एक हिस्सा है। इसके अलावा हजारों कर्मचारी, जिन्होंने अपना प्लाट मकान खरीद लिया है, उसे किराए पर देकर सरकारी मकान में रह रहे हैं। संपत्ति की जानकारी मांग लेने से, कैसे कर्मचारियों को शासकीय आवास खाली करने पड़ेंगे। ज्यादातर तृतीय श्रेणी कर्मचारी बेनामी संपत्ति जमा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ऐसी स्थिति में उनकी पूरी संपत्ति ही खतरे में पड़ जाती है। 

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