केंद्र सरकार ने वापस लिया ‘लेटरल एंट्री’ भर्ती का विज्ञापन, सज्जन सिंह बोले- यह सामाजिक न्याय की जीत


हेमंत शर्मा, इंदौर। केंद्र सरकार को एक बड़े कदम के तहत लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन वापस लेना पड़ा है। कांग्रेस ने इस फैसले को संविधान और आरक्षण के मूल्यों की जीत बताया है। केंद्र सरकार ने जिस लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन जारी किया था, उसे कड़े विरोध के बाद वापस ले लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इसे संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। 

लेटरल एंट्री की नीति आरक्षण के हक और संविधान पर हमला- सज्जन सिंह वर्मा

सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, “लेटरल एंट्री की नीति आरक्षण के हक और संविधान पर हमला था, जिसे हमने मुखर विरोध के बाद रोका है। यह संघ और भाजपा के एजेंडे को लागू करने की साजिश थी, जो अब नाकाम हो चुकी है। कांग्रेस ने इस मसले पर अपने सख्त रुख को बरकरार रखते हुए मोदी सरकार से सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, और जातिगत आधार पर जनगणना करवाने की मांग की है। 

यह संविधान की जीत- सज्जन सिह वर्मा

वर्मा ने कहा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा था कि यह नीति समाज के वंचित तबकों के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है। सज्जन सिंह वर्मा ने इस फैसले को संविधान की जीत बताते हुए कहा, “हमें जनता से संविधान की रक्षा का जनादेश मिला है, और हम इसे हर हाल में पूरा करेंगे।” कांग्रेस ने अपने बयान में जातिगत जनगणना की मांग पर अडिग रहने की बात दोहराई है।

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