परमानंद गिरि महाराज ने ‘कुत्तों’ से की संतों की तुलना, उज्जैन में संत समाज ने फूंका पुतला, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से की ये मांग


अजय नीमा, उज्जैन. युगपुरुष परमानंद गिरि महाराज ने हरिद्वार में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में संतों की तुलना ‘कुत्तों’ कर दी. ऐसे में उनके इस बयान से सांधु-संत नाराज हो गए हैं. आज सोमवार को उज्जैन के खाक चौक पर संतों ने परमानंद गिरि महाराज का पुतला दहन कर नाराजगी जाहिर की.

इस दौरान पंचायती निरंजनी अखाड़े के महंत सुरेशानंद पुरी सहित कई संतों ने महाराज के बयान की कड़ी निंदा की. महंत सुरेशानंद पुरी ने कहा कि ‘एक जिम्मेदार पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा इस प्रकार की अमर्यादित और अपमानजनक भाषा का प्रयोग संत समाज की गरिमा के विपरीत है. उन्होंने संतों और महंतों की तुलना कुत्तों से करते हुए कहा था कि जो कुत्ता होता है, वही अगले जन्म में महंत बनता है. यह संत परंपरा का घोर अपमान है’.

उन्होंने आगे कहा कि समूचे साधु समाज ने इस टिप्पणी को अत्यंत आपत्तिजनक मानते हुए युगपुरुष परमानंद महाराज के विरुद्ध एकमत से विरोध दर्ज कराया है. साथ ही उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से मांग की है कि महाराज को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया जाए और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

गौरतलब है कि 1 जून को हरिद्वार में आयोजित एक धार्मिक आयोजन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, साध्वी ऋतंभरा सहित अनेक संत-महंतों की उपस्थिति में युगपुरुष परमानंद गिरि ने कथित तौर पर एक दंतकथा सुनाई थी. जिसमें संतों की तुलना कुत्तों से की गई थी. इस कथन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही संत समाज में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है.

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