Exclusive: MP में भारी तादाद में हैं बांग्लादेश-म्यांमार के घुसपैठिए, मुस्लिम मंच का बड़ा दावा, कहा- उज्जैन समेत इन जिलों में गहन जांच की जरुरत


शिखिल ब्यौहार, भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्देश पर अवैध घुसपैठियों की पहचान अभियान के तहत मध्य प्रदेश में भी सरकार की कवायद शुरू हो गई है। पुलिस बांग्लादेश और म्यांमार से आए नागरिकों की वैधता की पड़ताल 30 दिनों के अंदर की जाएगी। उधर, आरएसएस के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने घुसपैठियों को लेकर बड़ा दावा किया है। 

MP में बांग्लादेश-म्यांमार से आए घुसपैठियों की संख्या अधिक

मुस्लिम मंच का दावा है कि मध्यप्रदेश में बांग्लादेश और म्यांमार से आए घुसपैठियों की संख्या अधिक है। कई फर्जी दस्तावेज तो कई गैरकानूनी रूप से रह रहे हैं जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। 

हजार से ज्यादा की संदिग्धों की सूची मौजूद

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के प्रदेश संयोजक तौफीक अहमद ने बताया कि मंच राष्ट्र के हित में अनैतिक गतिविधियों पर अपने स्तर पर नजर रखता आ रहा है। मध्यप्रदेश के हर जिले, कस्बे और अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में मंच के सदस्य सक्रिय हैं। जो अपने स्तर पर जानकारी भी जुटा रहे हैं। यह जानकारी शासन-प्रशासन से साझा भी की जाएगी ताकि घुसपैठियों को देश की सीमा से बाहर किया जा सके। उन्होंने बताया कि मंच से संगठन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अलर्ट किया है।  हजार से ज्यादा की संदिग्धों की सूची मंच के पास है  । 

MP को अनैतिक गतिविधि के लिए दूसरे राज्यों से ज्यादा अनुकूल समझते हैं 

तौफीक ने लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) को बताया कि मध्यप्रदेश अन्य राज्यों की अपेक्षा छिपने और अनैतिक गतिविधियों के संचालन के लिए ज्यादा मुफीद रहा है। यही कारण है कि सिमी समेत पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठनों ने मध्यप्रदेश को अपना अड्डा बनाया। बांग्लादेश और म्यांमार के घुसपैठियों ने मध्यप्रदेश में अपने ठिकाने बनाए हैं। 

20 दिनों के अंदर तैयार होगी प्रदेश स्तरीय रिपोर्ट

मंच की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए तौफीक ने बताया कि रोहिंग्या मुसलमान, ईरानी ज्यादातर संगठित रूप से रहते हैं। लिहाजा इन तक पहुंच मुश्किल नहीं। उधर, बांग्लादेशी और म्यांमार के घुसपैठिए आम तौर पर संगठित नहीं रहते। मंच के मुताबिक शहरों के साथ अल्पसंख्यक बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्र इन दोनों देशों के घुसपैठियों संख्या होने की संभावना है। मंच अपनी प्रदेश स्तरीय रिपोर्ट 20 दिनों के अंदर तैयार कर स्थानीय जिला और पुलिस प्रशासन को सौंपेगा। 

उज्जैन समेत इन जिलों में गहन जांच की जरुरत

मंच की एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि  इंदौर, उज्जैन, खंडवा, जबलपुर, नरसिंहपुर, बुरहानपुर, भोपाल, रतलाम, देवास, नीमच, बड़वानी, मंदसौर, सिवनी, छिंदवाड़ा समेत अन्य जिलों में घुसपैठियों को लेकर गहन जांच की जरूरत है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने यह भी कहा कि सरकार की इस मुहिम में मंच हर प्रकार से सहयोग करने के लिए तैयार है।

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