MPPSC 2025 – राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए एक और पर्यवेक्षक बदले


Madhya Pradesh Public Service Commission Indore में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 के लिए पर्यवेक्षकों की सूची जारी करने के बाद आज लगातार दूसरा संशोधन जारी किया गया। कल इंदौर के पर्यवेक्षक बदल दिए गए थे आज नर्मदा पुरम संभाग के पर्यवेक्षक बदल दिए गए। 

MPPSC NEWS – शिवनारायण रूपला की नियुक्ति निरस्त

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर की ओर से आज जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि, आयोग की विज्ञप्ति दिनांक 04.02.2025 द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 हेतु आयोग द्वारा 22 संभागीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। उक्त विज्ञप्ति में उल्लेखित नर्मदापुरम् संभाग में नियुक्त संभागीय पर्यवेक्षक श्री शिवनारायण रूपला, से.नि. आई.ए.एस. की नियुक्ति अपरिहार्य कारण से निरस्त की जाती है। श्री राजेश कुमार जैन, से.नि. आई.ए.एस., (मोबाईल नंबर-98270-40746) को नर्मदापुरम् संभाग हेतु नवीन संभागीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाता है। 

MPPSC NEWS – पी.सी. दुबे की नियुक्ति निरस्त

इसके एक दिन पहले दिनांक 12 फरवरी को जारी विज्ञप्ति में बताया गया था कि, आयोग की विज्ञप्ति दिनांक 04.02.2025 द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 हेतु आयोग द्वारा 22 संभागीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। उक्त विज्ञप्ति में उल्लेखित इन्दौर जिले में नियुक्त संभागीय पर्यवेक्षक-1 श्री पी.सी. दुबे, से.नि. आई.ए.एस. की नियुक्ति अपरिहार्य कारण से निरस्त की जाती है। श्री बी.आर. नायडू, से.नि. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, (मोबाईल नंबर-94256-02333) को इन्दौर जिले हेतु नवीन संभागीय पर्यवेक्षक-1 नियुक्त किया जाता है। 

MPPSC NEWS – पर्यवेक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी और जल्दबाजी देखिए

दिनांक 12 फरवरी को जारी विज्ञप्ति में इंदौर जिले के लिए नियुक्त किए गए संभागीय पर्यवेक्षक श्री पीसी दुबे की नियुक्ति निरस्त की गई। विज्ञप्ति में उन्हें रिटायर्ड आईएएस अधिकारी बताया गया है जबकि, श्री पीसी दुबे रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी हैं। 

दिनांक 13 फरवरी को जारी विज्ञप्ति, द्वितीय संशोधन है, परंतु यह प्रथम संशोधन की तरह जारी कर दी गई। यदि आप सिर्फ 13 फरवरी को जारी विज्ञप्ति को पढ़ते हैं तो समझ ही नहीं पाएंगे कि इससे पहले कोई संशोधन हुआ था। 

इस तरह की गलती सामान्य तौर पर तब होती है जब आदेश देने वाला अपनी कुर्सी पर नहीं होता और वह किसी 12वीं पास कंप्यूटर ऑपरेटर को विज्ञप्ति जारी करने का आदेश दे देता है। इस प्रकार पूरी प्रक्रिया को बाईपास किया जाता है। कुछ लोग इसे सामान्य त्रुटि कह सकते हैं परंतु यह एक सिग्नल है, जो बता रहा है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर के ऑफिस में कुछ तो गड़बड़ है।

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