कोर्ट ने महिला CMO के खिलाफ दिए FIR लिखने के आदेश, ये है पूरा मामला


संजय विश्वकर्मा, उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से बड़ी खबर सामने आई है। नौरोजाबाद नगर परिषद में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह आयु पर न्यायिक दंडाधिकारी अनूपपुर ने FIR के आदेश दिए हैं। कोर्ट से मिली सत्यापित प्रतिलिपि के आधार पर प्रवीण कुमार सिंह और अनिल कुमार निवासी अनूपपुर के दायर परिवाद के आधार पर यह निर्णय दिया गया है।

दोनों शख्स नगर पालिका अनूपपुर में पार्षद हैं। घटना 22 नवंबर 2022 की बताई जा रही है, जब अनूपपुर नगर पालिका परिषद में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रूप में ज्योति सिंह पदस्थ थीं। प्रेसिडेंट इन काउंसलिंग की बैठक में दोनों पार्षदों और मुख्य नगर पालिका अधिकारी के बीच कहासुनी हो गई थी। आदेश में बताया गया है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह ने प्रमुख सचिव नगरी विकास एवं आवास मंत्रालय भोपाल मध्य प्रदेश को दोनों पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी और बैठक के दौरान कई बिंदुओं को लेकर के खुद के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप दोनों पार्षदों पर सीएमओ ने लगाया था।

कलेक्टर ने जब मामले की जांच कराई गई तो पाया गया था कि दोनों पार्षदों ने कोई भी ऐसा आचरण नहीं किया है। जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद दोनों पार्षदों ने कोर्ट की शरण ले ली थी। इसी मामले को लेकर के कोर्ट ने आईपीसी की धारा 500 के तहत केस दर्ज किए जाने के आदेश दिए हैं।

नौरोजाबाद में भी सत्तापक्ष और विपक्ष के पार्षदों में दिया थाने में आवेदन

नौरोजाबाद नगर परिषद के पार्षद रामप्यारी रौतेल, इशरत जहां, दीपा प्रजापति, सती लाल बैगा और नगर परिषद उपाध्यक्ष नईम बेग के द्वारा नौरोजाबाद थाने में जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर गालीगलौज करने की सूचना दर्ज कराई गई है। हालांकि, इस मामले में अभी कोई भी FIR थाने में नहीं हुई है।

पुलिस अभिरक्षा में सम्पन्न हुआ विशेष सम्मेलन

नगर परिषद नौरोजाबाद का यह कार्यकाल विवादों की भेंट चढ़ता हुआ नजर आ रहा है। सड़क और नालियों को छोड़ दें तो नगर की सुंदरता और नगर के विकास में ऐसी कोई बड़े काम नहीं हुए हैं जो गिनाए जा सके। विपक्ष की पार्षदों का विरोध करना एक आम बात मानी जाती है लेकिन जब सत्ता पक्ष के पार्षद और उपाध्यक्ष ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरोध में खड़े हो जाएं और बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाए तो विषय में चर्चा होना स्वाभाविक है। लेकिन नगर परिषद नौरोजाबाद का विशेष सम्मेलन उसे वक्त चर्चित हो गया जब सम्मेलन अति संवेदनशील हो गया और सम्मेलन को दो महिला और दो पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी में संपन्न कराया गया। बैठक के दौरान पार्षदों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर बड़े गंभीर आर्थिक आरोप लगाए गए हैं।

नगर परिषद नौरोजाबाद में जनता के चुनकर भेजे गए पार्षद भर अपने आप को ठगा महसूस नहीं कर रहे हैं। बल्कि इंजीनियर साहब के साथ किए गए कसमे वादे भी पूरे नही हुए तो उन्होंने भी विरोध का राग छेड़ दिया है। इंजीनियर साहब ने विरोध कलम बंद हड़ताल स्टाइल में किया है। लेकिन साहब विरोध ठाने रह गए वही खरीदी की फाइलों में दो अस्थाई कर्मचारी सत्यापन करके इंजीनियर साहब को ठेंगा भी दिख रहे हैं।

मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा भले ही लाख दावे किए जाएं की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार नगर और क्षेत्र के विकास में जुटी हुई है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। अगर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कलेक्टर उमरिया या कमिश्नर के द्वारा कराई जाएगी तो एक बड़े संगठित भ्रष्टाचार की कलई खुलने में देर नहीं लगेगी।

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